गुरु रविदास जी का जन्म सन् 1377 में वाराणसी के पाराव पट्टन गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम संतोषदास था, जो चमार जाति से थे। गुरु रविदास जी को साधु रामानन्द जी ने संत गद्दी पर बैठाया था। गुरु रविदास जी ने अपने जीवन के दौरान अनेक समाज सुधार के कार्य किए थे। उन्होंने जाति व्यवस्था के विरोध में लड़ाई लड़ी थी और सभी लोगों के लिए समानता का संदेश दिया था। गुरु रविदास जी की रचनाएँ गीत, दोहे और साखी आदि हैं जो सभी धर्मों के लोगों को प्रेरित करती हैं। उनकी रचनाएँ बृहदारण्यक उपनिषद के मन्त्रों के साथ जुड़ी हुई हैं। गुरु रविदास जी ने भारतीय संस्कृति के भीतर दासता के अनुभवों को सम्मिलित किया था। उन्होंने अनेक शिष्यों को गुरु बनाया और उनसे समाज सुधार के कार्य करने को कहा था। गुरु रविदास जी का महत्वपूर्ण योगदान भारतीय समाज के समानता और विश्वास के
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